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हिचकियों ने संदेशा दिया रात भर

मुक्तक

रात तारों भरी झिलमिलाती रही।
चांदनी देखकर मुस्कुराती रही।।
हिचकियों ने संदेशा दिया रात भर।
एक गजल याद में आती जाती रही।।

रचनाकार
भरत सिंह रावत 

भोपाल मध्यप्रदेश
प्रतियोगिता हेतु 

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10 Comments

Seema Priyadarshini sahay

01-Apr-2022 09:36 PM

बहुत खूबसूरत

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Shrishti pandey

01-Apr-2022 09:31 PM

Nice one

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Punam verma

01-Apr-2022 08:34 AM

Very nice

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